Sunday 8 January 2017

नकारात्मक राजनीति में दक्ष हैं BJP, विकास कांग्रेस राज में ही संभव: रावत

मुख्यमंत्री हरीश रावत का कहना है कि उत्तराखंड में कांग्रेस विकास के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ेगी। भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती है कि भाजपा नेता नकारात्मक राजनीति में दक्ष हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को जनता की समझ पर सवाल उठाने से बाज आना चाहिए। जनता नासमझ नहीं है, उसे पता है कि प्रदेश का विकास कांग्रेस के राज में ही संभव है।गौरतलब है कि भाजपा ने राज्य की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री रावत पर उत्तराखंड का विकास रोकने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि कांग्रेस सरकार अपनी गलतियों का ठीकरा केंद्र सरकार के सिर फोड़ रही है।

Friday 6 January 2017

OROP को अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगी कांग्रेस: हरीश रावत

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही राजनितिक दलों ने अपने-अपने चुनाव घोषणा पत्र पर काम तेज कर दिया है। माना जा रहा है कि जल्द ही सभी राजनीतिक दल अपना-अपना घोषणा पत्र जारी कर देंगे। वहीं अपना घोषणा पत्र जारी करने से पहले ही कांग्रेस ने राज्य में बड़ी तादाद में मौजूद भूतपूर्व सैनिकों को साधने के लिए वन रैंक वन पेंशन के मुद्दे को अपने घोषणा पत्र में शामिल करने की बात कही है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ट्विट कर खुद इस बात की जानकारी दी है। रावत ने ट्विट किया कि उत्तराखण्ड कांग्रेस के घोषणा पत्र में OROP को शामिल किया जाएगा। 
गौर करने वाली बात ये है कि केंद्र की मोदी सरकार ये दावा करती रही है कि उन्होंने वन रैंक वन पेंशन को लागू कर दिया है और इसका लाभ भूतपूर्व सैनिकों को मिल भी रहा है। ऐसे में देखना होगा कि भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है।

Wednesday 21 December 2016

गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती


गुरु गोबिंद सिंह जी की जीवनी

गुरु गोविन्द सिंह जी का सिख समुदाय के विकास में बहुत बड़ा हाथ है। गुरु गोविन्द सिंह जी सिख धर्म के संस्थापक तो थे पर सिख धर्म के आगे ले जाने में उनका बहुत बड़ा हाथ था जैसे उन्होंने सैन्य लोकाचार को शुरू किया जिसमें कुछ पुरुष सिखों को हर समय तलवारों  को साथ रखने को कहा गया। सिख समुदाय में वे आखरी सिख गुरु थे और उन्हें इसी कारण परम गुरु, गुरु ग्रन्थ साहिब  के नाम से जाना जाता है।

गुरु गोबिंद सिंह का जन्म और प्रारंभिक जीवन

गोबिंद सिंह अपने पिता गुरु तेग बहादुर और माता गुजरी के एक मात्र पुत्र थे। उनका जन्म 22 दिसम्बर, 1666, को पटना साहिब, बिहार, भारत में हुआ था। उनके जन्म के समय उनके पिता बंगाल और असम में धर्म उपदेश देने के लिए गए हुए थे। उनका जन्म नाम गोबिंद राय रखा गया था। उनके जन्म के बाद वे पटना में वे चार वर्ष तक रहे और उनके जन्म स्थान घर का नाम “तख़्त श्री पटना हरिमंदर साहिब” के नाम से आज जाना जाता है। 1670 में उनका परिवार पंजाब वापस लौट आये। उसके बाद मार्च 1672 में वे चक्क ननकी चले गए जो की हिमालय की निचली घाटी में स्तिथ है। वहां उन्होंने अपनी शिक्षा ली। चक्क ननकी  शहर की स्थापना गोबिंद सिंह के पिता तेग बहादुर जी ने किया था जिसे आज आनंदपुर साहिब के नाम से जाना जाता है। उस स्थान को 1665 में उन्होंने बिलासपुर(कहलूर) के शसक से ख़रीदा था।
अपनी मृत्यु से पहले ही तेग बहादुर ने गुरु गोबिंद जी को अपना उत्तराधिकारी नाम घोषित कर दिया था। बाद में मार्च 29, 1676 में गोबिंद सिंह 10वें सिख गुरु बन गए। यमुना नदी के किनारे एक शिविर में रह कर गुरु गोबिंद जी ने मार्शल आर्ट्स, शिकार, साहित्य और भाषाएँ जैसे संस्कृत, फारसी, मुग़ल, पंजाबी, तथा ब्रज भाषा भी सीखीं। सन 1684 में उन्होंने एक महाकाव्य कविता भी लिखा जिसका नाम है “वर श्री भगौती जी की”| यह काव्य हिन्दू माता भगवती/दुर्गा/चंडी और राक्षसों के बिच संघर्ष को दर्शाता है।

परिवार के लोगों की मृत्यु

कहा जाता है सिरहिन्द के मुस्लिम गवर्नर ने गुरु गोबिंद सिंह के माता और दो पुत्र को बंदी बना लिया था। जब उनके दोनों पुत्रों ने इस्लाम धर्म को कुबूल करने से मना कर दिया तो उन्हें जिन्दा दफना दिया गया। अपने पोतों के मृत्यु के दुःख को ना सह सकने के कारण माता गुजरी भी ज्यादा दिन तक जीवित ना रह सकी और जल्द ही उनकी मृत्यु हो गयी। मुग़ल सेना के साथ युद्ध करते समय 1704 में उनके दोनों बड़े बेटों की मृत्यु हो गयी।

Tuesday 13 December 2016

गरीबों के लिए ‘जनआवास’ योजना


मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आई.एस.बी.टी. फ्लाईओवर का लोकार्पण किया। विशेष आयोजनागत सहायता (एसपीए) के अंतर्गत नेशनल हाईवे संख्या 72 आई.एस.बी.टी. देहरादून में नवनिर्मित फोरलेन फ्लाईओवर की लागत 50 करोड़ 39 लाख रुपए है। केबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल, विधायक राजकुमार भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 983 मीटर लम्बाई का मल्टी एप्रोच फ्लाईओवर उत्तराखण्ड के लिए बड़ी उपलब्धि है। इसके बनने से हमारा कान्फिडेंस बढ़ा है। हमारी योजना ऐसे आठ दसफ्लाईओवर और बनाने की है। उन्होंने सचिव लोक निर्माण विभाग को इसके लिए कार्ययोजना बनाने के लिए निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून पहले जेएनएनयूआरएम का फायदा नहीं उठा पाया था। हम देहरादून की तस्वीर बदलने की कोशिश कर रहे हैं। रिस्पना व बिंदाल रिवर फ्रंट डेवलपमेंट इसी दिशा में की गई पहल है। बल्लीवाला फ्लाईओवर शुरू किया जा चुका है, जबकि बल्लुपुर फ्लाईओवर भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा।



मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबों को तरक्की में भागीदार बनाया जा रहा है। प्रदेश में गरीबों को आवास देने के लिए उत्तराखंड जनआवास योजना बनाई गई। इसका तीन माह बाद रुद्रपुर में शिलान्यास होगा। इसमें 33 हजार आवास बनाएं जाएंगे। मलिन बस्तियों का न केवल नियमितिकरण किया गया, बल्कि इनके विकास के लिए चार सौ करोड़ का रिवाल्विंग फंड भी स्थापित किया है। हमने सामाजिक सुरक्षा की पेंशन राशि को एक हजार रुपए किया है। पेंशन लाभार्थियों की संख्या 1 लाख 74 हजार से बढ़ाकर 7 लाख 25 हजार कर दी है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा में 1 लाख 75 हजार का बीमा कवर दिया जा कहा है। हम एपीएल में सबसे सस्ता गेहूं चावल दे रहे हैं। बिजली की उपलब्धता को 14 घंटे से बढ़ाकर लगभग 24 घंटे कर दिया गया है। महिला सशक्तीकरण की अनेक योजनाएं प्रारम्भ की गई हैं। हमने अपने स्टार्ट अप से सैंकड़ों युवाओं को उद्यमी बनाया है। केदारनाथ त्रासदी के बाद जिस तरह से काम किया गया उसी का परिणाम है कि इस वर्ष 15 लाख यात्री चारधाम यात्रा पर आए।
कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के नेतृत्व में विजन के साथ प्रदेश का विकास किया जा रहा है। सर्वाधिक प्रकार की सामाजिक सुरक्षा पेंशनें शुरू की गई हैं। पिछले दो वर्षों में देहरादून को आधुनिक शहर का रूप देने के लिए काफी काम किया
गया है।

Thursday 1 December 2016

इस साल 150 खेल मैदानों के लिए बजट दिया गया- मुख्यमंत्री

पिछले दो सालों में राज्य के भीतर खेल सुविधाएं विकसित करने में बहुत अच्छा काम किया गया है। राज्य में दो इंटरनेशल और 6 नेशनल स्टेडियम तैयार किए गए हैं। इसके साथ हाई एल्टीट्यूड मैदान भी उत्तराखंड में विकसित किए गए हैं। ये जानकारी राज्य के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पूर्व सैनिकों के एक कर्यक्रम में दी। इस मौके पर सीएम ने राज्य की खेलनीति की खासियत बताते हुए कहा कि सरकार ने जो खेल नीति तैयार की है उससे राज्यन के खिलाड़ियों का न केवल मनोबल बढा है बल्कि आयोजित खेलों में उनका उत्साह भी देखने को मिला है। सीएम ने कहा कि इस वित्तीय साल मे सरकार ने राज्ये के भीतर डेढ सौ खेल मैदानों के लिए बजट आवंटित किया है।

Sunday 27 November 2016

नोटबंदी: मुख्यमंंत्री ने लिखा केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र

नोटबंदी से आम जनता को हो रही परेशनी और राज्य के पर्यटन, कृषि व राजस्व पर पड़ रहे प्रतिकूल प्रभावों को देखते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को पत्र लिखा है। सीएम ने पत्र में लिखा है कि काले धन के संबध में विमुद्रीकरण एक अच्छा कदम है, परंतु इसके लिए तैयारियां भी उसी स्तर पर की जानी चाहिए थी। पत्र के द्वारा उन्होंने कहा है कि उत्तराखंड जैसे छोटे राज्य और अल्प संसाधनों वाले राज्यों पर इसका विपरीत असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि पर्वतीय राज्य जहां एक बड़ी आबादी सहकारी बैंकिंग सिस्टम पर निर्भर है, वहां सहकारी बैंकों पर पाबंदियों से जनजीवन व कृषि गतिविधियां भी प्रभावित होंगी। राज्य के ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों में किसानों का बड़ा हिस्सा सहकारी बैंकों पर निर्भर है। बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका खाता केवल सहकारी बैंकों में है। भारत सरकार ने सहकारी बैंकों द्वारा 500 और 1000 के पुराने नोट लेने पर रोक लगाई है। खरीफ की फसल के बाद जिन किसानों के पास नकदी थी, वे इस नकदी को अपने खाते में जमा नहीं कर पा रहे हैं। सीएम ने कहा कि, रबी फसल की बुवाई का समय भी शुरू हो गया है और ज्यादातर किसान सहकारी बैंकों से जुड़े हैं, रबी फसल के लिए बीज, उर्वरक व ऋण नहीं ले पा रहे हैं। इससे फसल के उत्पादन में गिरावट आना स्वाभाविक है। जिसका परिणाम भविष्य में खाद्य पदाथों की बढ़ती कीमतों के रूप में देखने को मिलेगा। इसलिए सहकारी बैंकों को 500 व 1000 के नोट स्वीकार किए जाने को तत्काल मंजूरी दी जानी चाहिए। नकदी के अभाव से राज्य में बिक्री, वस्तुओ व सेवाओं के विनिमय, पर्यटन सहित अन्य संबंधित गतिविधियों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार के वैट संग्रहण व अन्य आय स्त्रोंतों पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है। व्यापार, स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन फीस में भी बहुत कमी आई है। इससे राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर विपरीत असर पड़ रहा है, विशेष तौर पर पूजीगत व विकास व्यय प्रभावित हो रहे हैं। विमुद्रीकरण योजना से केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करों में बढ़ोतरी होगी, इसका लाभ राज्य सरकार के साथ भी साझा करना चाहिए। विभिन्न पर्यावरणीय कारणों से दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत सी विकास योजनाएं व आर्थिक गतिविधियां संचालित नहीं हो पाती हैं। इसलिए विमुद्रीकरण से उत्तराखंड राज्य बुरी तरह से प्रभावित होगा। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा है कि नकदी के अभाव से राज्य में बिक्री, वस्तुओ व सेवाओं के विनिमय, पर्यटन सहित अन्य संबंधित गतिविधियों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। इसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार के वैट संग्रहण व अन्य आय स्त्रोंतों पर नकारात्मक प्रभाव हुआ है। व्यापार, स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन फीस में भी बहुत कमी आई है। इससे राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर विपरीत असर पड़ रहा है, विशेष तौर पर पूजीगत व विकास व्यय प्रभावित हो रहे हैं। विमुद्रीकरण योजना से केंद्र सरकार के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष करों में बढ़ोतरी होगी, इसका लाभ राज्य सरकार के साथ भी साझा करना चाहिए। विभिन्न पर्यावरणीय कारणों से दूसरे राज्यों की तुलना में बहुत सी विकास योजनाएं व आर्थिक गतिविधियां संचालित नहीं हो पाती हैं। इसलिए विमुद्रीकरण से उत्तराखंड राज्य बुरी तरह से प्रभावित होगा।

Tuesday 22 November 2016

राज्य की वार्षिक विकास दर राष्ट्रीय विकास दर से लगभग डेढ गुनी: CM

चकराता में जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य ने अपनी 16 वर्ष की यात्रा में सहकारिता के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं। राज्य की वार्षिक विकास दर राष्ट्रीय विकास दर से लगभग डेढ गुनी है। औद्योगिक विकास दर 16 प्रतिशत व सेवा क्षेत्र में 12 व कृषि विकास दर 5.5 प्रतिशत बनी हुई है। राज्य की प्रतिव्यक्ति आय एवं औसत आय तेजी से आगे बढ़ रही है, जो राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुनी है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड समावेशी विकास के रास्ते पर कदम आगे बढ़ा रहा है। उत्तराखण्ड सर्वाधिक प्रकार के सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने वाला पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि 2014 में पेंशन लाभार्थियों की संख्या मात्र 01 लाख 74 हजार थी, जो अब बढ़कर 07 लाख 25 हजार हो गयी है। पेंशन की धनराशि को 400 रूपये से बढ़ाकर 1000 कर दी गयी है। विधवा, वृद्धावस्था एवं विकलांग पेंशन के अलावा अब अक्षम व परितक्वता नारी, विक्षिप्त व्यक्ति की पत्नी, बौना पेंशन, जन्म से विकलांग बच्चों को पोषण भत्ता दिया जा रहा है। साथ ही किसान, पुरोहित, कलाकार, शिल्पकार, पत्रकार, निर्माणकर्मी के साथ ही जंगरिया, डंगरिया को भी पेंशन प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही सरकार प्रत्येक नागरिक को सुरक्ष कवच उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। खिलती कलियां योजना, बच्चों के कुपोषण उन्मूलन योजना भी सरकार द्वारा संचालित की जा रही है। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि सडक से वंचित गांव को सडक से जोडने के लिए मेरा गांव मेरी सडक, प्रधानमंत्री सडक योजना के अन्तर्गत 1425 करोड से 77 किमी सडक निर्मित कर 227 गांव को पहली बार सडक से जोडा जा रहा है। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार 1000 किमी नई सड़कों का कार्य प्रारम्भ किया गया है। 


साथ ही सामुहिक खेती के लिए महिला मंगल दलों एवं समुहों को 01 लाख की धनराशि प्रोत्साहन राशि के रूप में दी जा रही है। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड पहला राज्य है जिसमें किसानों को पेंशन दी जा रही है। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में स्थानीय व परम्परागत खेती को प्रोत्साहन देने के लिए फसलों पर बोनस दिया जा रहा है। उन्होनें कहा कि जैविक खेती को बढ़ावा देेने के साथ ही फल पौधशालाओं की स्थापना की जा रही है। बेमौसमी सब्जी को बढ़ावा देते हुए पर्वतीय क्षेत्रों में उत्पादित स्थानीय एवं परम्परागत फसलो का समर्थन मूल्य भी दिया जा रहा है। विशाल जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा इस राज्य को खुशहाल राज्य बनाने के लिए हम आपके साथ है। हमे मिलजुल कर इस राज्य को प्रगति के रास्ते पर ले जाना है। उन्होने कहा हमने उत्तराखण्ड मे बदलाव लाने की कोशिश की है जिसमे सबसे बाकी हित गरीबो का रखा गया है। उन्होेने कहा कि महिला शसक्तिकरण को बढावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे है। महिला स्वयं सहायता समूहो को सुदृण करने के लिए सभी समूहो को 05 हजार रूपया दिया जा रहा है। उन्होने कहा जो स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे है, उन्हे 20 हजार रूपये का अनुदान व सामूहिक खेती करने वाले समूहो को 01 लाख का अनुदान दिया जा रहा है। उन्होने कहा जो महिला अपने खेतो मे भी काम करेगी उसे मनरेगा से मानदेय दिया जायेगा। उन्होने कहा प्रदेश सरकार द्वारा 16 हजार पदो को भर दिया गया है दिसम्बर माह के अंत तक सभी आरक्षित पदो पर भी भर्ती कर दी जायेगी। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि वर्ष 2014 में हताश उत्तराखंड था। चारधाम यात्रा को कुछ वर्षों के लिए टाल देने की बात कही जा रही थी। यह उत्तराखण्ड वासियों की संकल्पशक्ती का ही परिणाम है कि इस वर्ष 15 लाख से अधिक श्रद्धालु चारधाम यात्रा पर आए।उन्होने कहा कि प्रीतम सिंह के नेतृत्व में जौनसार का बहुत विकास हुआ है। केबिनेट मंत्री प्रीतम सिंह ने कहा कि जौनसार को अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने से यहां के लोगों को बहुत लाभ हुआ है। राज्य सरकार गरीबों के साथ है। विकास का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए बहुत सी योजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होने बताया कि क्वाॅसी (चकराता) में डिग्री कालेज का शासनादेश भी हो गया है।