Monday 21 November 2016

नोटबंदी के चलते मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड में तीन माह तक मुफ्त इलाज का किया ऐलान

नोट बंदी के चलते उत्तराख में आ रही दिक्ततों के मद्देनजर सरकार ने प्रभावितों को राहत दी है। मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के दायरे में न आने वाले लोगों का भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज होगा। रविवार को मुख्यमंत्री हरीश रावत ने नोटबदंी के बाद राज्य में आम जनता को ही रही परेशानियों को कम करने के लिए अफसरों के साथ बैठक की। उसमें कई अहम फैसले हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो सीएम स्वास्थ्य बीमा योजना के कार्ड धारकों को सरकारी अस्पतालों में जो सुविधाएं दी जा रही हैं, वे तीन माह तक प्रदेश के सभी लोगों को मिलेंगी। यानि अब उन्हें पैथालाॅजी जांच कराने में पैसा नहीं देना पडेगा। इसका लाभ लेने के लिए मरीजों को आईडी दिखानी होगी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को निर्देश दिए कि वे प्राइवेट अस्पतालों को मरीजों से चेक भी स्वीकार करने के लिए प्रेरित करें।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव एस रामास्वामी से कहा कि वे संबंधित संस्थाओं और विभागीय अफसरों को स्पष्ट निर्देश करें कि सरकारी वसूलियों, लाइसेंस फीस, बिजली, पानी के बिल में पुराने नोट स्वीकार करें। उन्होंने अफसरों को नोटबंदी के बाद राज्य को स्टांप, वैट समेत अन्य राजस्व, पर्यटन और निर्माण क्षेत्र में होने वाले नुकसान का आंकलन के निेर्देष भी दिए।
सीएम ने बैंक के अपफसरों से समन्वय बनाने को भी कहा, ताकि जनता को राहत दिलाई जा सके। उन्होंने बैंकों से सुदूरवर्ती क्षेत्रों में मोबाइल एटीएम की व्यवस्था का सुझाव दिया।
सीएम रावत ने ऊर्जा निगम के अधिकारियों को हिदायत दी कि जो किसान बिजली बकाया बिल के 50 फीसदी का भुगतान कर देते हैं। उनसे शेष वसूली अभी न की जाए, ताकि किसान अपनी नगदी का उपयोग बीज, खाद खरीदने में कर सकें।
बैठक में मुख्य सचिव एस रामास्वामीए प्रमुख सचिव ओमप्रकाश, डा. उमाकांत पंवार, सचिव अमित नेगी, डीएस गब्र्याल, अरविंद सिंह ह्यांकि सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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